मूर्तिकार Arun Yogiraj का बायोडाटा और राम मंदिर में योगदान

आज हम आपको अपने इस ब्लॉग पर भारत के प्रशिद्ध मूर्तिकार  अरुण योगिराज (Arun Yogiraj) के दादा ,पिता व् स्वयं अरुण  योगिराज के जीवन परिचय और इनकी महत्त्व पूर्ण उपलब्धियों से परिचित कराएंगे तथा हम आपको यह भी बताएंगे की किस प्रकार इन्होने इस कला के माध्यम से प्रशिद्धि हासिल की। तथा इन्होने यह कला किस प्रकार सीखी और किनकी सहायता से शिखी और इनके परिवार से संम्बन्धित जानकारी व् इनकी शिक्षा संबंदित जानकारिया साँझा करेंगे। आज हम इनकी वर्तमान उपलब्धियो की जानकारी साँझा करेंगे।  इनको प्राप्त विभिन्न संस्थाओ पुरष्कारो की भी जानकारिया साझा करेंगे।

Arun Yogiraj का परिवार

 -इनके दादा जी का नाम बसवन्ना था।यह महान व्यकितत्व के  धनि बचपन से ही थे क्योंकि यह अपनी १० वर्ष की आयु में शिक्षा ग्रहण करने के लिए गरूकुल के लिए निकल गए और वह मात्र २५ वर्ष की आयु मई प्रतिष्ठत मूर्तिकार बन गए।  अरुण योगिराज  अपने दादा के १७ पोते है। इनके दादा मैसूर के शासक परिवार के संरक्षण में थे जहां उन्होंने कई मुर्तीयो का निर्माण व् नक्काशी अपनी शिल्प कला का प्रदशर्न किया। इनकी आठ संताने थी जिनमे से एक अरुण योगिराज के पिता योगिराज भी थे।यह सिद्धलिंगा स्वामी के शिष्य थे। 

  -इनके पिता जी का नाम योगिराज है जो भी एक प्रतिष्ठित मूर्तिकार है।इनके जन्म की बात की जाये तो इनका जन्म १९२२ में हुवा था। इनका जन्म मैसूर के एक छोटे से गॉव में हुआ था जंहा इन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण कर अपना दाखिला शिल्प कॉलेज में लिया। जिन्होंने यह कला अपने पिता जी से प्राप्प्त की  है और इनकी लगातार पांच पीढ़िया मूर्तियों का निर्माण व् पुनःनिर्माण और उन्हें आकर्षित बनाने का काम करती आ रही है। इन्होने माँ गायत्री और माता भुवनेशवरी  के मंदिरो में भी अपनी कला का प्रदरशन कर चुके हैं। इन्होने महात्मा गाँधी व् जवाहर लाल नेहरू ,वल्लभ भाई पटेल जैसे महा नायको की मूर्तियों का निर्माण किया। इन्होने अपनी कला का सूंदर प्रद्रशन करते हुए साल २०१२ में स्वर्ग वास ले लिया।

Arun Yogiraj की शिक्षा

 -इन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अपने गॉव में ही प्राप्त की तथा प्रांरभिक शिक्षा के पूर्ण होने के बाद मैसूर के विश्व विधालय में दाखिला लेकर एम.बी.ऐ  पूर्ण किया। इन्होंने अपनी रूचि के अनुसार शिल्प कला का कार्य सीखा जिसमे इनके पिता योगिराज ने इनकी सहायता की र यह एक  अच्छे शिल्पकार बने।

अरुण योगीराज का चर्चा में आने का प्रमुख कारन

अरुण योगिराज का चर्चा में आने का परमुख कारन २०२४ में अयोध्या में निर्मित मंदिर में इस्थापित श्री राम जी की मूर्ति के निर्माण का कार्य इनको मिला और इनके द्वारा निर्मित कई विख्यात मुर्तिया की चर्चा है। इनके द्वारा कई उच्च पदों वाली नौकरियों को छोड़कर अपने परम्परागत व्यवसाय और दादा व् पिता से प्राप्त कौशल ज्ञान के आधार अपनी रूचि के अनुसार अपनी कला का प्रचार प्रसार करना और अपनी आजीविका का विकाश करना है और इनके कार्यो की तारीफ विदेशो और महान विभूतियुओ द्वारा की जाती है।

अरुण योगिराज की प्रमुख निर्मित  मुर्तिया

  1. डॉ. भीम राव अम्बेडकर  मूर्ति जिसकी ऊंचाई १५ फिट है।
  2.  कर्नाटक के मैसूर में बजरंग बलि की मूर्ति जिसकी ऊंचाई २१ फिट है।
  3.  आदि शंकराचार्य जी की मूर्ति  जिश्कि ऊंचाई १२ फिट है।
  4.  नेता सुभाष चंद्र बॉस की मूर्ति जिसकी ऊंचाई ३० फिट है।
  5.  राम कृष्ण परम हंस जी की मूर्ति जिसकी ऊंचाई १४ फिट है।
  6.  नंदी  की ६ फिट ऊँची मूर्ति।
  7.   कृष्ण राज  वाड़ीयार की मूर्ति जिसकी ऊंचाई ५ फिट।
  8. जयचमाराजेंद्र वाडियार १४. ०५ फिट ऊँची मूर्ति।
  9. गरुड़ की मूर्ति जिसकी ऊंचाई ५ फिट
  10. योगनरसिम्हा स्वामी की मूर्ति जिसकी ऊंचाई  ७ फिट

इनके अलावा अरुण योगिराज के द्वारा संगमरमर पत्थर की विभिन्न्न प्रकार की वस्तुए जैसे कुर्सी,टेबल, खिलोने ,मंडप ,आकर्षित करने वाली वस्तुए  बनाई गयी।

अरुण योगिराज को प्राप्त पुरस्कार

  •  नलवाड़ी पुरस्कार (मैसूर जिला प्रशासन,२०२० )
  •  साउथ जोन यंग टैलेंटेड आर्टिस्ट अवार्ड (२०१४)
  •  राज्योत्सव पुरस्कार
  •  शिल्पा कौस्तुभा (मूर्तिकार संघ )

Arun Yogiraj का राम मंदिर में योगदान

अयोध्या में जो भव्य राम मंदिर बनने जा रहा है. इसके लिए तीन मूर्तिकारों को चुना गया था। जिनको श्री राम लला की मूर्ति बनाने का काम दिया गया. तीनो मूर्तिकारों को अपने अपने हिसाब से मूर्ति बनाने का काम दिया गया. जिसके बाद इन तीनो मूर्तिकारों में से किसी एक की प्रतिमा का चयन किया जाना तय था. यह चयन इसी जनवरी में होना था. इन तीनो मूर्तिकारों में से अरुण योगीराज की प्रतिमा का चयन किया गया. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने चयनित श्री राम लला की प्रतिमा के साथ एक तस्वरी X (ट्विटर) पर पोस्ट की.

Arun Yogiraj को श्री राम लला की इस प्रतिमा को बनाने का काम 6 से 7 महीने पहले ही शुरू कर दिया था. इनहोने बताया की यह काम इनके लिए चुनौती भरा था. अब Arun Yogiraj बेहद खुस है क्यों की इनकी प्रतिमा का श्री राम मंदिर में स्थापित किया जायेगा।

अरुण योगिराज जन्म कब हुआ?

अरुण योगिराज का जन्म साल १९७५ में हुआ।

अरुण योगिराज पिता का नाम क्या है ?

अरुण योगिराज के पिता का नाम योगिराज है।

अरुण योगिराज के दादा का नाम क्या है ?

अरुण योगिराज के दादा का नाम बसवन्ना है।

अरुण योगिराज के पिता का स्वर्ग वास् कब हुआ ?

अरुण योगिराज के पिता का स्वर्ग वास् २०१२ में हुआ।

अरुण योगिराज के दादा के गुरु कौन थे ?

अरुण योगिराज के दादा के गुरु सिद्धलिंगा स्वामी थे।

Arun Yogiraj की नेट वर्थ क्या है ?

Arun Yogiraj की नेट वर्थ लगभग 1 करोड़ है।

अयोध्या के राम मंदिर के लिए श्री राम लला की प्रतिमा किसने बनायीं ?

अयोध्या के राम मंदिर के लिए श्री राम लला की प्रतिमा Arun Yogiraj ने बनायीं।

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